भूलें

 

भूलें मिटायी जा सकती हैं

 

    अगर भूल-भ्रान्तियों को हर क्षण मिटाया न जा सकता तो संसार के त्राण की कोई आशा न होती ।

 

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    जीवन की छोटी-मोटी घटनाओं को बहुत ज्यादा महत्त्व न दो ।

 

    इन घटनाओं का महत्त्व इसमें है कि उन्होंने प्रगति करने में तुम्हारी किस हद तक सहायता की है ।

 

    और एक बार प्रगति हो जाये तो पिछली भूलों के परिणाम, यदि कोई परिणाम हें तो भागवत कृपा के हस्तक्षेप से गायब हो जाते हैं ।

 

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    'परम प्रभु' के लिए पाप का अस्तित्व नहीं है । सभी त्रुटियां सच्ची अभीप्सा ओर रूपान्तर द्वारा मिटायी जा सकती हैं ।

 

    तुम जो अनुभव कर रहे हो वह तुम्हारी अन्तरात्मा की अभीप्सा है जो भगवान् को खोजना और 'उन्हें' जीना चाहती है ।

 

    लगे रहो अधिकाधिक सच्चे बनो और तुम सफल होओगे ।

२४ अप्रैल, १९६

 

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    पाप दुनिया की चीज है योग की नहीं ।

 

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    अगर तुम जीवन में एक भूल करो तो हो सकता है कि तुम्हें सारे जीवन कष्ट उठाना पड़े । इसका यह अर्थ नहीं हे कि हर एक को इस तरह कष्ट झेलना पड़ता है । ऐसे लोग हैं जो भूलें करते जाते हैं फिर भी उन्हें कष्ट नहीं होता । लेकिन जो आध्यात्मिक जीवन के लिए पैदा हुए हैं उन्हें बहुत सावधान रहना चाहिये ।

 

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